Wednesday, July 24, 2013

जोधपुर मेगा क्लस्टर परियोजना दो माह में होगी शुरू - डॉ. के. एस. राव

कपड़ा मंत्री ने आयातकों को जयपुर में हस्तशिल्प उत्पादकता केंद्र स्थापित करने का मुद्दा वित्त मंत्री के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जोधपुर मेगा क्लस्टर परियोजना समयबद्ध ढंग से दो महीनों में शुरू होगी। उन्होंने हस्तशिल्प उत्पादकता केंद्र को शीघ्र हकीकत में बदलने के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान का भी आश्वासन दिया।



जयपुर : केन्द्रीय कपड़ा मंत्री डॉ. के. एस. राव ने आज जयपुर में राजस्थान के निर्यातकों से मुलाकात की। इस दौरान श्री राव ने हस्तशिल्प, कार्पेट, ऊन वस्त्र और संबंधित उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने और राजस्थान से निर्यात बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती पनाबाका लक्ष्मी, राजस्थान के उद्योग मंत्री श्री राजेंद्र पारीक, राज्य सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव और हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री एस.एस. गुप्ता भी मौजूद थे। 

बैठक के दौरान उठाए गए निर्यातकों के नेताओं के मुद्दों पर डॉ. राव ने कहा कि हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग के लिए ब्याज में छूट को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने की मांग वाजिब है। उन्होंने कहा कि आज फंड पर लागत बहुत अधिक है तथा इसे तार्किक बनाने की जरूरत है ताकि लोग अपने बिजनेस में ज्यादा निवेश कर सकें और सोने एवं अन्य सावधि जमाओं जैसे विकल्पों में निवेश न करें क्योंकि ऐसी जगह निवेश राष्ट्रीय वृद्धि के लिए उत्पादक नहीं है। 
डॉ. राव ने निर्यातकों से अनुरोध किया कि कौशल विकास समय की जरूरत है तथा मनरेगा और कुटीर क्षेत्र के बीच कामगार संपर्क स्थापित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह यह मामला मंत्रीमंडल के समक्ष रखेंगे। उन्होंने इस बारे में वित्त मंत्री से भी बात करने का आश्वासन दिया। उन्होंने वित्त मंत्री के साथ विदेशी मेलों और प्रदर्शनी में निर्यातकों की भागीदारी पर सेवा कर तथा निर्यात संवर्धन परिषदों की सदस्यता फीस संबंधी मुद्दों पर भी वित्त मंत्री से चर्चा करने का भी आश्वासन दिया। 
कपड़ा मंत्री ने आयातकों को जयपुर में हस्तशिल्प उत्पादकता केंद्र स्थापित करने का मुद्दा वित्त मंत्री के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जोधपुर मेगा क्लस्टर परियोजना समयबद्ध ढंग से दो महीनों में शुरू होगी। उन्होंने हस्तशिल्प उत्पादकता केंद्र को शीघ्र हकीकत में बदलने के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान का भी आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि बंदरगाहों पर ऊन क्षेत्र की क्वैरंटाइन संबंधी समस्या को भी दूर किया जाएगा। देश से हस्तशिल्प निर्यात में 2012-2013 की पहली तिमाही की तुलना में 2013-14 की पहली तिमाही में 534.57 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। यह 3,185.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,720.52 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

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