आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड (हुडको) के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री वीपी बालीगर ने आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री डॉ गिरिजा व्यास को आज 103.78 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सौंपा । इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव श्री एके मिश्र, हुडको के कॉरपोरेट योजना निदेशक श्री एनएल मंजोका, हुडको के वित्तीय निदेशक श्री एके कौशिक और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।
वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए, हुडको ने कुल 150 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा की है जो हुडको द्वारा सरकार को अदा किए जाने वाला सबसे अधिक लाभांश भुगतान है । इस धनराशि में से 103.78 करोड़ रुपये का भुगतान आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, 15.12 करोड़ रुपये शहरी विकास मंत्रालय और 31.10 करोड़ रुपये का भुगतान ग्रामीण विकास मंत्रालय को किया जाएगा ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ व्यास ने वर्ष 2012-13 के दौरान प्राप्त की गई कई उपलब्धियों के लिए हुडको के अधिकारियों को बधाई दी । उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान हुडको ने कर भुगतान के बाद कुल 700 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है और इसे 23,974 करोड़ रुपये के परियोजना कार्य आबंटित किए गए हैं । उन्होंने कहा कि 3.66 लाख इकाइयों के अनुमोदन के लक्ष्य की तुलना में हुडको ने 4.39 लाख इकाइयों को स्वीकृति दी है । डॉ व्यास ने कहा कि इनमें से 97 प्रतिशत इकाइयां आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और न्यून आय समूह के लोगों के लिए स्वीकृत की गई हैं ।
वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए, हुडको ने कुल 150 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा की है जो हुडको द्वारा सरकार को अदा किए जाने वाला सबसे अधिक लाभांश भुगतान है । इस धनराशि में से 103.78 करोड़ रुपये का भुगतान आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, 15.12 करोड़ रुपये शहरी विकास मंत्रालय और 31.10 करोड़ रुपये का भुगतान ग्रामीण विकास मंत्रालय को किया जाएगा ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ व्यास ने वर्ष 2012-13 के दौरान प्राप्त की गई कई उपलब्धियों के लिए हुडको के अधिकारियों को बधाई दी । उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान हुडको ने कर भुगतान के बाद कुल 700 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है और इसे 23,974 करोड़ रुपये के परियोजना कार्य आबंटित किए गए हैं । उन्होंने कहा कि 3.66 लाख इकाइयों के अनुमोदन के लक्ष्य की तुलना में हुडको ने 4.39 लाख इकाइयों को स्वीकृति दी है । डॉ व्यास ने कहा कि इनमें से 97 प्रतिशत इकाइयां आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और न्यून आय समूह के लोगों के लिए स्वीकृत की गई हैं ।
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