Saturday, July 6, 2013

पीजीआईएमईआर को संगरूर में सेटेलाईट केन्‍द्र स्‍थापित करने को मिली सैद्धांतिक मंजूरी

चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर को संगरूर में 300 बिस्‍तर के सेटेलाईट केन्‍द्र स्‍थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। मरीजों की संख्‍या अधिक होने पर इस केन्‍द्र को 500 बिस्‍तर का भी किया जा सकता है। दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवाये उपलब्‍ध कराने के लिए फिरोजपुर में भी 100 बिस्‍तरों का सेटेलाईट केन्‍द्र बनाया जायेगा। कन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने चंडीगढ़ में आज यह बात कही। स्‍वर्णजयंती समारोह और स्‍थापना दिवस के आयोजन को संबोधित करते हुए चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में श्री आजाद ने कहा कि इसकी परिकल्‍पना का श्रेय पंजाब के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री सरदार प्रताप सिंह केरो और देश पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का समर्थन प्राप्‍त़ चिकित्‍सा शिक्षाविदों को जाता है। पंडित नेहरू वैज्ञानिक ज्ञान के संस्‍थानों को ज्ञान का मंदिर और तीर्थस्‍थल कहा करते थे। पिछले वर्षों में इस संस्‍थान ने अपने उद्देश्‍यों को पूरा किया है और स्‍वास्‍थ्‍य देख-भाल के उच्‍च मानक विकसित कर प्रतिष्‍ठा हासिल की है। पिछले 50 वर्ष में इसके विकास में कई व्‍यक्तियों और फेकेल्‍टी के वर्तमान और पुराने सदस्‍यों, विद्यार्थियों और निदेशकों ने योगदान दिया। इस संस्‍थान में देश-भर से आने वाले मरीजों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए इसके प्रांगण में 250 बिस्‍तरों का अस्‍पताल बनाया जा रहा है, जिसमें और अधिक प्राईवेट कमरे और 10 ऑपरेशन थियेटर होंगे, इसमें केंसर रोग, ईएनटी तथा अन्‍य विभागों के लिए अतिरिक्‍त स्‍थान भी होगा। इसके अलावा संस्‍थान में राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य इंजीनियरिंग वास्‍तुकला संस्‍थान भी बनाया जायेगा जो स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं योजना और डिजाईन तथा स्‍वास्‍थ्‍य इंजीनियरिंग और प्रबंधन में स्‍नातकोत्‍तर कार्यक्रम की शिक्षा देगा। यह संस्‍थान दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी किस्‍म का पहला होगा। श्री आजाद ने कहा कि पीजीआईएमईआर को सेवा, शिक्षा और अनुसंधान की अपनी परम्‍परा को बेहतर बनाने के लिए केन्‍द्र के बजट से 635 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं। श्री आजाद ने कहा कि भारत में पिछले चार वर्ष में चिकित्‍सा शिक्षा में सुधार के नये युग का सूत्रपात हुआ। एमबीबीएस की सीटें 33,567 से बढ़कर 45,629 और स्‍नातकोत्‍तर सीटें 13,838 से बढ़कर 22,850 हो गई हैं। छह नये एम्‍स स‍मेत 72 नये मेडिकल कॉलेज स्‍थापित किये गये हैं और इन कॉलेजों की संख्‍या 290 से बढ़कर 362 हो गई हैं। सरकार ने 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों का दर्जा बढ़ाकर सुपर स्‍पेस्लिटी अस्‍पताल बनाया हैं। 2030 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले 269 नर्सिंग स्‍कूल स्‍थापित करने की मंजूरी दी गई है। इनके चालू होने से लगभग 20 हजार प्रशिक्षित नर्सें और उपलब्‍ध होगी। चार साल के दौरान राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम लागू किया गया। इसके तहत 18 वर्ष तक की आयु के बच्‍चों की बीमारियों, स्‍वास्‍थ्‍य में खामियों और अक्षमता के लिए जांच की जाती है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 17 करोड़ स्‍कूली बच्‍चों समेत 27 करोड़ बच्‍चों की जांच की जायेगी। 

35 राज्‍य सरकार और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को 90 हजार करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है। इसके अलावा देश में सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों और अस्‍पतालों में आवश्‍यक और आपात सेवायें प्रदान करने के लिए लगभीग 70,000 अतिरिक्‍त बिस्‍तर उपलब्‍ध कराये गये हैं। श्री आजाद ने जननी सुरक्षा योजना की भी चर्चा की। इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री संतोष चौधरी भी मौजूद थी। 

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