Thursday, July 18, 2013

दोपहर भोजन योजना में निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता: डॉं. एम.एम पल्लम राजू

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉं. एम एम पल्लम राजू ने बिहार में दोपहर का भोजन योजना में बच्चों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कल बिहार में सारण जिले के एक स्कूल में दोपहर का भोजन करने के बाद कई बच्चों की मौत हो गई थी। पत्रकारों से बात करते हुए श्री राजू ने कहा कि दोपहर की भोजन योजना सर्व शिक्षा अभियान का एक अभिन्न भाग है और इससे बच्चों को स्कूल लाने और और उन्हें पढाई से जोड़े रखने में सहायता मिलती है। उन्होनें कहा कि घटना के संबध में विस्तृत जानकारी लेने के लिए मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी इस समय राज्य के दौरे पर है। घटना के संबध में जानकारी देते हुए डॉं. राजू ने कहा कि बच्चों को भोजन में चावल, दाल और सोयाबीन दिया गया था। निर्धारित मानकों के अनुसार बच्चों को भोजन देने से पहले दो लोगों को भोजन की जांच करनी चाहिए थी। इस संबध में स्कूल के प्रधानाध्यापक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। योजना में निगरानी की भूमिका पर जोर देते हुए डॉं. राजू ने कहा कि इसे मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। योजना में स्वंयसेवी संस्थाओं की भागीदारी करने के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस संबध में अनुभव अच्छे रहे हैं। 

अपने प्रकार की विश्व में सबसे बड़ी इस योजना के तहत 12 लाख सरकारी स्कूलों में लगभग 11 करोड़ बच्चों को भोजन दिया जाता है। इस बीच मानव संसाधन मंत्रालय में सचिव( स्कूल) श्री आर. भट्टाचार्य ने बिहार के मुख्य सचिव से बात की है। घटना के संबध में राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी गई है। 

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