उत्तराखंड राज्य में मूल सुविधाओं को हाल ही में हुई तबाही के कारण व्यापक क्षति पहुचने, भारी वर्षा, एकाएक बाढ़ आने और भूस्खलन के चलते वहां सरकारी इमारतों, सड़कों, पुलों आदि को भारी नुकसान हुआ है। इस सब की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए बहुत बड़ी मात्रा में निधियों की जरूरत पड़नी लाजमी है | भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक से राज्य में मूल सुविधाओं के निर्माण के लिए विदेशी सहायता लेने का फैसला किया है। इन बहुउद्देशीय विकास बैंकों से मिले, ऋण को भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार को सौंपा जाएगा। उन्हें ये निधियां 90 प्रतिशत अनुदान और दस प्रतिशत ऋण के रूप में मिलेगी क्योंकि उत्तराखंड विशेष वर्ग वाले राज्यों में आता है।
विशेष परिस्थितियों को देखते हुए एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक दोनों ने अनुमान जल्दी लगाने,परियोजना तैयार करने और उसे अनुमोदित करने की जरूरत का अनुरोध मान लिया है। इसके लिए एक बैठक आयोजित की गई है और दोनों बैंकों ने पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
राज्य की ज़रूरतों का मूल्याकंन करने और प्रस्ताव तैयार करने के लिए श्री शक्तिकांत दास, अपर सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में एक ज्वाइंट मिशन जल्दी ही उत्तराखंड का दौरा करेगा और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।
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