Tuesday, August 20, 2013

प्रगति तभी संभव है जब लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित हो -प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि प्रगति तभी संभव है जब हमारे लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित हो । कल नई दिल्ली में बोरलॉग ग्लोबल रस्ट इनीशिएटिव की तकनीकी कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन, खाद्य सामग्री की कमी को दूर करना, गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाना और गांवों के लोगों की आमदनी बढ़ाना, ये सभी लक्ष्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और खाद्य उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि से प्राप्त किए जा सकते हैं । 

राष्ट्रपति ने कहा कि गेहूं में रस्ट लगने की बीमारी बहुत बड़ी चुनौती है और गेहूं की लगभग 90 प्रतिशत प्रजातियां इससे प्रभावित हैं । डॉ नॉरमन बोरलॉग ने गेहूं की कम ऊँचाई वाली, अधिक पैदावार वाली और रोग-रोधी किस्में विकसित करके लाखों लोगों को भूख से बचाया है । केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार ने कहा कि डॉ बोरलॉग हरित क्रांति के जनक के रूप में जाने जाते हैं । उन्होंने गेहूं की ऐसी किस्में विकसित कीं, जो न केवल रोग-रोधी हैं, बल्कि जलवायु की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अच्छी पैदावार देती हैं । उनके प्रयासों से भारत को गेहूं की ये किस्में प्राप्त हुईं और सरकार की अच्छी नीतियों तथा अनुसंधान और विकास के प्रयासों से देश में हरित क्रांति आई । 

श्री पवार ने कहा की 1960 के दशक के बाद से भारत में गेहूं के उत्पादन में लगभग 9 गुना की वृद्धि हुई है और यह साढ़े 9 करोड़ टन के स्तर तक पहुंच गया है । आज हमारा देश न केवल खाद्यान्न में आत्मनिर्भर है, बल्कि निर्यात भी करता है । इस वर्ष 2.32 लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादनों का निर्यात हुआ है । इस कार्यशाला में 400 से अधिक वैज्ञानिकों, फसल विशेषज्ञों और किसानों ने भाग लिया ।

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