वातावरण को गर्म करने के लिए अंगीठी जैसे उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है वो बेहद ही खतरनाक गैस कार्बन मोनोक्साइड बनाते है जो बच्चो के साथ साथ बड़ो के लिए भी बेहद खतरनाक है –डा० एम. इरशाद
मुरादाबाद(उत्तर प्रदेश): हांड कपा देने वाली ठण्ड से आज हर कोई बेहाल है | इस कड़ाके की ठण्ड से बचने के
लिए सभी स्कूलों को जहाँ बंद कर दिया गया है वहीँ लोग खुद के साथ बच्चो को इस ठण्ड
से बचाने के लिए पूरी कोशिश में लग गए है | इस जानलेवा ठण्ड में बच्चो पर सबसे
अधिक खतरा बना रहता है | लोग घरो में हीटर, ब्लोअर और अंगीठी जला कर ठण्ड से बचाओ
करने में लगे है लेकिन उनके इन उपकरणों से ठण्ड से बचाओ करना भी खतरनाक साबित हो
रहा है | आये दिन अखबारों में अंगीठी के धुए से मरने वाले बच्चो की खबर सुर्खियाँ
बनती नज़र आ रही है |
प्रदेश में इस ठण्ड में मरने वालो की संख्या जहाँ सैकड़ो में पहुच चुकी है वही अंगीठी
के धुएं से मरने वाले भी कम नहीं है | लोग अपने घरो में अंगीठी जला कर ठण्ड से
बचने का प्रयास तो कर रहे लेकिन ये भूल रहे है की उस अंगीठी का धुआ कितना खतरनाक
है और कितना नुक्सान पंहुचा सकता है | शिशु रोग विशेषज्ञ डा० एम. इरशाद के
मुताबिक वातावरण को गर्म करने के लिए जिन अंगीठी जैसे उपकरणों का प्रयोग
किया जा रहा है वो बेहद ही खतरनाक गैस कार्बन मोनोक्साइड बनाते है जो बच्चो के साथ
साथ बड़ो के लिए बेहद खतरनाक है |
अंगीठी जलने से कमरे की ओक्सीजन ख़तम हो जाती है जो बाद में कार्बन मोनोक्साइड
का रूप लेकर पूरे कमरे में फ़ैल जाती है ये इतनी खरनाक गैस होती है की इससे दम
घुटने लगता है | इसका धुआं फेफड़ो में जाकर सांस लेने में परेशानी पैदा करता है |
वहीँ हीटर और ब्लोवर भी इसी तरह लोगो को नुक्सान पहुचाते है | अधिकतर मामलों में देखा
भी गया है कि बंद कमरों में हो रही बच्चो की मौत की वजह अंगीठी ही पाई गई है | डा० एम. इरशाद के मुताबिक जिन लोगो को लंग्स एवं दिल की बीमारी है उन्हें इससे बचना
चाहिए | इस ठण्ड से बच्चो को कैसे बचाया जाये के सवाल पर उन्होंने कहा की हॉट वाटर
बैग में गर्म पानी रख कर कपडे में लपेटने के बाद बच्चो की रजाई में उनके पास रख
दिया जाये तो बच्चो को इस ठण्ड से बचाए जाने में काफी मदद मिलती है | ठण्ड से बचाओ
के लिए दूसरा तरीका अंगारे बना कर किया जा सकता है अंगीठी में पत्थर के कोयले की
जगह इमली का कोयले का इस्तेमाल करना चाहिये और जब तक अंगारे अच्छी तरह से ना बन
जाये उसे कमरे में न रखे ऐसा करने से कमरे में बनने वाली गैस को रोका जा सकता है
और होने वाले हादसे से बचा जा सकता है | ठण्ड से बचने के लिए बच्चो को
चुस्त कपड़ों की जगह ढीले ढाले कपडे अधिक मात्रा में पहनाने चाहिए | इस ठण्ड में
बच्चो में निमोनियां, ब्रोंनकाईटिस का खतरा अधिक बना रहता है | बच्चो को ठण्ड में
गुनगुना पानी पिलाना चाहिए साथ ही बड़े लोगो को भी पीना चाहिए इससे शरीर में
गर्माहट बनी रहती है | भीषण ठण्ड में कोशिश करना चाहिए की बच्चो को घरों के अन्दर ही
रखे |
-मुरादाबाद से इमरान ज़हीर की रिपोर्ट |
No comments:
Post a Comment