मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री मायावती के आगमन के मद्देनज़र जहाँ हर विभाग में भी खलबली मची हुई है वही बिजली विभाग ने बकायादारो से बिजली की बकाया राशि जमा करने और बकायादारों का बिजली का कनेक्शन काटने में भी तेज़ी दिखाई है | लेकिन यहाँ बकायादारों की बिजली काटने में विभाग ने बकायादारों की दो श्रेणी बनायीं है, पहला ऐसे बकायादार जिनका अपने एरिया में रुतबा और किसी ना किसी राजनैतिक पार्टी से सम्बंध है उनके लिये रियायत बरती है वही दूसरी श्रेणी जिनका ना कोई रुतबा है और ना ही कोई रसूख उनका बिजली का बकाया होने पर बिजली काट दी जा रही है|
मुरादाबाद के पीतल नगरी छेत्र में कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहा पर रुत्बो और रसूख वाले लोगो को बकायादार की सूची में रियायत बरती गई है, वही बिना रसूख वाले आम लोगो को किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं बरती गई| हालाँकि नियम और कानून सभी के लिये एक है लेकिन यहाँ पर नियम और कानून की अनदेखी की जा रही है|
आज दिनांक ३० जनवरी को बकायादारो के बिजली कनेक्शन काटने के लिये बिजली विभाग की टीम पीतल नगरी के सूरज नगर में पहुची और बकायेदारों के कनेक्शन काटने का काम करने लगी| बकायादारों की श्रेणी में श्रीमती ओमवती पत्नी गिरधर सिंह (कनेक्शन संख्या १३१३०२ बुक संख्या ३८८५) जिसका बकाया ४९३९ रूपये था का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया| जबकि वही उसके घर से महज़ २० कदम पे एक बकायेदार अमित शर्मा ( कनेक्शन संख्या १२२४८८ बुक संख्या ३८८४ ) का बकाया २५९९६ रूपये था जिनका बिजली का कनेक्शन नहीं कटा गया| इतने बड़े बकायेदार का कनेक्शन ना काटे जाने की वजह पता करने पर मालूम हुआ की अमित शर्मा का भाई राहुल शर्मा भाजपा का सभासद है और राजनीति में रसूख रखता है जिसकी वजह से विभाग ने उसका कनेक्शन काटने की हिम्मत नहीं की|
सूत्रों की माने तो बिजली विभाग द्वारा कई बार इस कनेक्शन को काटने के लिये प्रयास भी किया गया लेकिन राजनितिक दबाव के कारण ना तो कनेक्शन को काटा जा सका और ना ही वसूली की सकी | वहीँ दूसरी तरफ बिजली विभाग के कर्मचारियों के पास मौजूद लिस्ट के मुताबिक़ सैकड़ो की संख्या में बकायेदारों का ब्योरा मौजूद था जिसका आंकलन करने पर बकाया तकरीबन लाखो रूपये में पाया गया| जहा एक तरफ विभाग बिजली चोरी से निबटने और बकायेदारों से वसूली करने में मुस्तैद रहा वही दूसरी तरफ बड़े बकायेदारो और रसूख वाले लोगो से वसूली करने में असहाय दिखा| देखना ये है की विभाग कब तक ऐसे लोगो को छूट देता रहेगा और कब तक राजनैतिक दबाव में नियम और कानून की धज्जियाँ उडाता रहेगा|

