Wednesday, October 20, 2010

जनता की गाढ़ी कमाई को लूटती मोबाइल कंपनियां..!

मुरादाबाद,उत्तर प्रदेश|रिलाइंस कंपनी द्वारा मुरादाबाद के एक उपभोगता के मोबाइल से बिना वजह पैसे काट लिये गये और खुद से ही एक सिम्पली म्यूजिक गोल्ड पैक की सर्विस चालू कर दी गई, शिकायेत करने पर उपभोगता को खुद ही इसे चालू करवाने की बात कह कर कस्टमर केयर वालो ने अपना पल्ला झाड लिया और पैसे वापस करने के लिये साफ़ मना कर दिया गया और कस्टमर केयर वाले अपनी बात पर अड़े रहे की कंपनी द्वारा किये गये एक फ़ोन कॉल के दौरान आपने ये सर्विस चालू करवाई है, उपभोगता द्वारा लगातार ये कहा जाता रहा की उस फ़ोन कॉल की जाँच की जाये की उस समय क्या बातचीत हुई? लेकिन कस्टमर केयर वाला अपनी बात पर अड़ा रहा की अब कुछ नहीं हो सकता ये पैसे वापस नहीं किये जा सकते| लेकिन उपभोगता द्वारा जैसे ही उनसे भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI ) में इसकी शिकायेत करने की बात कही उसके एक घंटे के बाद ही रिलाइंस कंपनी द्वारा उपभोगता के मोबाइल में काटे गये पैसे वापस डाल दिए गये साथ ही उस सर्विस को हटा दिया गया| इससे साफ़ पता चलता है की भोली-भाली जनता का किस प्रकार शोषण किया जा रहा है|
बहरहाल इस तरह जनता के पैसे को बिना वजह से काटा जाना कहा तक सही है ? आज ना जाने कितने लोग खुद बा खुद इस तरह की सर्विस के चालू होने और पैसे काटे जाने से आये दिन परेशान रहते है| ये तो रिलाइंस कंपनी के हालात है ऐसी ना जाने कितनी मोबाइल कंपनी जनता को लूटने का प्रयास कर रही है|

Sunday, October 17, 2010

पत्रकार मसालेदार बाईट लेने में लगे रहे और साथी पत्रकार पिटता रहा...!

पत्रकार  वार्ता  में  एक पत्रकार को धक्के मार कर बाहर निकलना एक शर्मनाक मामला है| सबसे बड़ी बात की ऐसी घटना के बाद भी किसी पत्रकार ने उस समय उसकी कोई मदद नहीं की| सब अपनी मसालेदार बाईट लेने में लगे रहे वही दूसरी तरफ उस पत्रकार को ज़लील किया जाता रहा और उसके साथ हाथापाई की जाती रही| कॉफ्रेंस रूम से किसी पत्रकार को इस तरह बाहर निकाला जाना बेहद गंभीर मामला है | शाही इमाम द्वारा उस पत्रकार के सवाल करने पर उसके साथ अपशब्द भाषा का प्रयोग किया गया और उसे जिस तरह सभी पत्रकार बंधू के सामने धक्के दिए जाते रहे और मारने का प्रयास किया गया उससे ये साफ़ तौर पर कहा जा सकता है की आज पत्रकारों में एकता की कमी है| समाज के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकार की सभी पत्रकारों के सामने अपमान किया जाना एक बेहद गंभीर मामला है | एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछा जाना कोई गुनाह नहीं है लेकिन उस पर गुस्से का इज़हार करना और मारपीट पर उतारू हो जाना ये शाही इमाम के ऊपर शोभा नहीं देता| काबिले गौर है की इस्लाम में गुस्से का इज़हार करना हराम है|